स्वयं सेवक क्यों बने |
विश्व में मानव सेवा से बढ़कर ना कोई धर्म है ना कोई जाती। किसी ज़रूरतमंद की सहायता कर जो संतोष एवं शांति प्राप्त होती है उसकी तुलना दुनिया के किसी भी धन ऐश्वर्य एवं भोग विलास से नहीं की जा सकती। किसी के चेहरे पर निस्वार्थ भाव से मुस्कान देने से बढ़कर प्रभु/ईश्वर की सच्ची सेवा नहीं हो सकती। यदि आप भी उकत विचारधारा एवं अपने समाज तथा देश को आगे बढ़ना चाहते हैं तो वेबसाइट पर दिए गए नंबर ------- फॉर्म भरकर हमसे जुड़े। समाज सेवा एक लक्ष्य नहीं बल्कि अविरल यात्रा है।
संस्था कैसे कार्य करती है
- मंडल एवं जनपद स्तर पर सदस्यता अभियान चला लोगों को संस्था से जोड़ना
- समाज सेवा हेतु लोगों से स्वेच्छा पूर्वक अनुदान धन राशि हेतु अनुरोध करना
- औद्योगिक घरानों व्यापारी की से समाज कल्याण हेतु आगे आने हेतु अनुरोध करना
- सदस्यता शुल्क का उपभोग सामाजिक कार्य हेतु करना
- धार्मिक स्थलों एवं अन्य समाज सेवी संस्थाओं से जुड़ना समाजहित में कार्य करना